सफेद मूसली के लाभ Options



सफेद मूसली शक्तिशाली ऊर्जावर्धक औषधी है और इस वजह से मनुष्य की रोध प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करती है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से अस्थमा के मरीजों द्वारा किया जाता है।

शोध के अनुसार सफेद मूसली वीर्य का उत्पादन बढ़ाती है और वीर्य की गुणवत्ता में सुधार लाती है। ऐसा माना जाता है कि इसके नियमित सेवन से नपुंसकता के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। कौंच के बीज के साथ सफेद मूसली का सेवन नपुंसकता के इलाज में काफी उपयोगी माना जाता है।

मूसली को जमीन से खोदने का सर्वाधिक उपयुक्त समय नवम्बर के बाद का होता है। जब तक मूसली का छिलका कठोर न हो जाए तथा इसका सफेद रंग बदलकर गहरा भूरा न हो तब तक जमीन से नहीं निकालें। मूसली को उखाडने का समय फरवरी के अंत तक है।

बीज या प्लान्टिंग मेटेरियल हेतु मूसली का संग्रहण

यह दिखने में पतली सफ़ेद जड़ जैसी होती है। इसके फूल भी सफ़ेद रंग के होते है यही वजह है की इसका नाम सफ़ेद मूसली है। इसके इतने फायदे है की यह पुरे देश में पायी जाती है। देश में सभी दूर इसकी खेती की जाती है। बारिश के समय यह अपने आप ही जंगलो में उग जाती है।

सफेद मुस्ली का अत्यधिक सेवन उचित नहीं है। इसमें मौजूद फाइबर, नमी को कम करके मल को कड़ा करता है। इस प्रकार, बदले में, छोटी आंत में आंत्र आंदोलन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। आप आंत में एक बाधा का अनुभव कर सकते हैं, कब्ज, ऐंठन और दर्द के साथ।

जिन कंदों का उपयोग बीज हेतु करना हो, उन्हें छोड़कर शेष मूसली को विपणन हेतु भिजवाने से पूर्व उसके कंदों/ट्यूबर्स/फिंगर्स की छिलाई करना अथवा उनका छिलका उतारना अत्यावश्यक होता है ताकि छिलका उतारने पर यह अच्छी तरह से get more info सूख जाए तथा इसे बिक्री हेतु प्रस्तुत किया जा सके। यद्यपि यह कार्य अत्याधिक आसान है तथा अकुशल श्रमिक/बच्चे भी इसे कर सकते है परन्तु यह काफी अधिक श्रमसाध्य है तथा इसमें काफी समय लगता है, क्योंकि मूसली के प्रत्येक कंद/फिंगर को छीलना पड़ता है। वर्तमान में मूसली की छिलाई हेतु प्रचलित प्रमुख विधियाँ निम्नानुसार हैं-

– सफेद मूसली खून में मौजूद शुगर के स्तर को कम कर सकती है। इस वजह से लो शुगर की समस्या से जूझ रहे लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए या फिर शुगर की दवाई खा रहे लोगों को भी ये नहीं खानी चाहिए।

भूख को कम करे - इसके ज्यादा सेवन से भूख में कमी हो जाती है तो डॉक्टर से इसकी खुराक पूछ ले उसके बाद इसे उपयोग में ले।

अगरु (अगर) के लाभ, प्रयोग, मात्रा एवं दुष्प्रभाव

बिजाई के कुछ दिनों के उपरांत ही पौधा उगने लगता है तथा इसमें पत्ते आने लगते है। इसी बीच फूल तथा बीज आते हैं तथा अक्टूबर-नवम्बर माह में पत्ते अपने आप सूखकर गिर जाते हैं और पौधे के कन्द जमीन के नीचे रह जाते है।

हां, सफेद मूसली और शहद दोनों को एक साथ ले सकते हैं।

शक्कर (गन्ना ब्राउन शुगर) के साथ सफेद मुस्ली थकान को कम करने में मदद करता है और शरीर को ताकत देता है।

यह लिंग ऊतक को ताकत प्रदान करता है, कठोरता में सुधार करता है, और लंबे समय तक उत्सर्जन को बनाए रखने में मदद करता है। यह मुख्य रूप से ताकत प्रदान करता है, टेस्टो पर कार्य करता है, हार्मोन प्रोफ़ाइल में सुधार करता है, और शुक्राणुजनन को प्रेरित करता है।

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